- फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः
- कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।
- होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः
प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः
- मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।
- स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः
- स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।
- पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः
- मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।
- सक्रिय रहेंः
- स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।
- स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
- स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
- स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।
- स्वस्थ भोजन की थाली के उपयोग की शर्तें
- हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः
- निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़.
- आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
- आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
- आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
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शाकाहारी हैं तो प्रोटीन के लिये खाएं
प्रोटीन हमारे शरीर की कोशिकाओं व ऊतकों को बचाते हैं व उनकी मरम्मत करते हैं। अलग-अलग तरह के अमीनो एसिड अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाते हैं।
प्रोटीन बढ़ते बच्चों के लिए बहुत आवश्यक आहार है जो उनकी अच्छी ग्रोथ में मदद करता है। एक अध्यन के अनिसार 1-3 की उम्र के बीच के बच्चों को 13g प्रोटीन रोज़ खाना चाहिए, 4-8 उम्र के बीच के बच्चों को 19 ग्राम, 9-13 वर्ष के बच्चों को 34 ग्राम, और 14-18 उम्र की लड़कियों को 46 ग्राम और लड़कों को 52 ग्राम प्रोटीन का रोज़ सेवन करना चाहिए।
अगर आप शाकाहारी हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे आहार बताने जा रहें हैं जो प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं
मटर
मटर में फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो आपको पेट के कैंसर से बचता है। यही नहीं मटर में पोटैशियम और मैग्नीशियम दोनों प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये दोनों ही खनिज शरीर के लिए जरूरी हैं। इनमें विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में होता है।
राजमा
भारत में खाए जाने वाला राजमा प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्रोत है। पकाने में आसान भी और प्रोटीन से भरपूर भी। अपनी इच्छा के अनुसार आप राजमा को रोटी के साथ, चावल के साथ, सलाद में, या सूप में डालकर खा सकते हैं।
दाल
दाल दुनिया भर में पसंद की जाती है। आप इस को स्वादिष्ट सूप की शक्ल में या चावल के ऊपर डालकर प्याज़ और गाजर के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रत्येक सर्विंग में 12 ग्राम प्रोटीन की एक भारी मात्रा होती है।
पनीर
पनीर, को हम सलाद में भी मिला कर खाते हैं। यह कई सारे व्यंजनों में मिला कर खाया जाता है
गेहूं की रोटी
गेहूं की रोटी में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है। जिससे आप रोज़ अपने खाने में खा सकते हैं। दो रोटी जिससे आपके शरीर को 5.2 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
पालक
पालक में न सिर्फ प्रोटीन होता है, बल्कि कैल्शियम, पोटेशियम व बीटा केरोटीन जैसे महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। पालक का रस पीना स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।
पनीर
1 दांत और हड्डियां -पनीर का सबसे बेहतरीन लाभ है कि यह आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है साथ ही कैल्शियम और फास्फोरस का एक बढ़िया स्त्रोत भी है। रोजाना पनीर का सेवन हड्डयिों की समस्या, जोड़ों में दर्द और दांत के रोगों से बचाए रखने में बेहद मददगार है।
2 मेटाबॉलिज्म -पाचन और पाचन तंत्र के लिए मेटाबॉलिज्म का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। पनीर में अत्यधिक मात्रा में डायट्री फाइबर होते हैं जो भोजन के पाचन में बेहद मददगार साबित होता है। यह पाचन तंत्र के सुचारू रूप से चलने के लिए बेहद फायदेमंद और महत्वपूर्ण है।
3 कैंसर - पनीर का सबसे बड़ा लाभ यही है, इसमें कोई शक नहीं। हाल ही में हुए एक शोध में यह साबित हुआ है कि पनीर में कैंसर जनित कारणों और खतरों को कम करने की क्षमता है। पेट के कैंसर, कोलोन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में पनीर बेहद प्रभावी साबित हुआ है।
तुरंत एनर्जी - दूध से बनने के कारण पनीर में भी दूध के गुणों का भंडार है, जिनमें ऊर्जा का स्त्रोत भी शामिल है। शरीर में तुरंत ऊर्जा के लिए पनीर का सेवन फायदेमंद है। बॉडी ट्रेनिंग करने वालों के लिए यह और भी फायदेमंद है।
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